Siege of Parliament: संसद घेराव में शामिल होंगे हरियाणा के बिजली कर्मी
Siege of Parliament
इलैक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फैडरेशन ऑफ इंडिया ने किया ऐलान
चंडीगढ़,17 नवंबर।Siege of Parliament: बिजली निजीकरण बिल-2022 के खिलाफ देश भर के बिजली कर्मचारी(electrician) एवं इंजीनियर 23 नवंबर को संसद घेराव करेंगे(will lay siege to parliament)। जिसमें हरियाणा से हजारों की तादाद में कर्मचारी शामिल होंगे। इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फैडरेशन ऑफ इंडिया (Electricity Employees Federation of India) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा व सुरेश राठी ने गुरुवार को बताया कि केंद्र सरकार देश के बिजली कर्मचारियों, इंजीनियर व किसानों के तीखे विरोध के बावजूद बिजली वितरण प्रणाली को निजी हाथों में सौंपने के लिए आमादा है।
उन्होंने बताया कि बिल पारित होने के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली के ढांचे को मुनाफे के लिए निजी हाथों में सौंपा जाएगा। बिजली वितरण प्रणाली के लाइसेंस प्राईवेट लोगों को दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सब्सिडी व क्रास सब्सिडी समाप्त हो जाएगी। उन्होंने बताया कि बिजली की प्रति यूनिट लागत 7.45 पैसे है और बिल में प्राईवेट लाइसेंसी को 16 प्रतिशत मुनाफा कमाने का प्रावधान है। इसलिए बिजली की दरें करीब दस रुपए प्रति यूनिट होगी। उन्होंने बताया कि बिजली उपभोक्ताओं की बजाय प्राईवेट लाइसेंसी को अधिकार होगा कि किस उपभोक्ता को बिजली दे और किसी को न दें। इसलिए वह कम लाइनलास वाले व ज्यादा रियलाइजेशन वाले फीडर को ही बिजली सप्लाई देंगे।
ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के चेयरमैन देवेन्द्र हुड्डा, महासचिव नरेश कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद, डिप्टी जरनल सेकेट्री जितेंद्र तेवतिया व कोषाध्यक्ष अजय वशिष्ठ ने बताया कि हरियाणा से पांच हजार से अधिक कर्मचारी संसद घेराव के लिए रामलीला मैदान पहुंचेंगे और वहां से ससंद घेराव के लिए मार्च करेंगे।
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